Tuesday, April 27, 2010

बल्ब

बल्ब अंधियारे कोने को रोशन करता है
पर किसी से कुछ भी तो नहीं कहता है
क्या,किसी ने कभी सोचा होगा कि
उसे वो अँधेरा कोना जगमगाने के लिए
कितना तपना पड़ता है
पर फिर भी वह
उफ़ तक भी नहीं करता है , और
किसी से कुछ भी तो नहीं कहता है
क्यूंकि
वो बल्ब है
और उसे अँधियारा मिटाना है
ता उम्र तपते ही जाना है
जब तक
किसी अंधियारी रात
अंधियारे कोने के अँधेरे से
लड़ते - लड़ते
बलिदान न हो जाये
उसी अंधियारे में कहीं खो न जाये

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