
कल रात जब मै अँधेरी बस्ती से गुजर रहा था ,
आदमी गर्मी में मर रहा था ,
ये देख मुझे बस इक बात थी याद आयी
जो है हमारे देश की जग हंसाई।
कि , नींद मखमल के बिस्तर पे आती किसी को नहीं ,
और कोई मरता है दो गज कफ़न के लिये॥
हम सोते हैं कूलर में ,कमरे में ,बिस्तर पर ,
उन्हें क्यूँ नींद आ जाती है ईंटों पर ।
आख़िर कब आयेगा इस देश में वह दिन
जब सबके पास अपना घर होगा ,सबकी समान शिक्षा होगी ।
आख़िर कब तक यहाँ सिर्फ़ सीता ही दोषी बनायी जायेगी ,
आख़िर कब तक यहाँ मोहब्बत सूली पर चढाई जायेगी ।
आख़िर कब तक देश के नौनिहालों को अंग्रेजी शिक्षा दिलाई जायेगी,
आख़िर कब तक ......
आओ आज इस परम्परा से निजात पायें हम,
इस देश को फिर से सोने की चिड़िया बनायें हम॥
आख़िर कब तक यहाँ बुद्ध मुस्कुरायेंगे
आख़िर कब तक यहाँ धर्म आग लगायेंगे
आख़िर कबतक यहाँ खून की होली होगी, वोटों की बोली होगी,
आख़िर कब तक ......
आओ आज सबको गले लगायें हम ,
इस देश को फिर से सोने की चिड़िया बनायें हम॥
आख़िर कब तक यहाँ इंडिया आगे बढ़ता रहेगा!
आओ भारत को आज आगे बढायें हम, भारतीयता की ज्योति जलायें हम,
इस देश को फिर से सोने की चिड़िया बनायें हम
आओ एक कदम और आगे बढायें हम ,
इस देश को फ़िर से सोने की चिडिया बनायें हम ,
इस देश को फ़िर से सोने की चिडिया बनायें हम॥
आदमी गर्मी में मर रहा था ,
ये देख मुझे बस इक बात थी याद आयी
जो है हमारे देश की जग हंसाई।
कि , नींद मखमल के बिस्तर पे आती किसी को नहीं ,
और कोई मरता है दो गज कफ़न के लिये॥
हम सोते हैं कूलर में ,कमरे में ,बिस्तर पर ,
उन्हें क्यूँ नींद आ जाती है ईंटों पर ।
आख़िर कब आयेगा इस देश में वह दिन
जब सबके पास अपना घर होगा ,सबकी समान शिक्षा होगी ।
आख़िर कब तक यहाँ सिर्फ़ सीता ही दोषी बनायी जायेगी ,
आख़िर कब तक यहाँ मोहब्बत सूली पर चढाई जायेगी ।
आख़िर कब तक देश के नौनिहालों को अंग्रेजी शिक्षा दिलाई जायेगी,
आख़िर कब तक ......
आओ आज इस परम्परा से निजात पायें हम,
इस देश को फिर से सोने की चिड़िया बनायें हम॥
आख़िर कब तक यहाँ बुद्ध मुस्कुरायेंगे
आख़िर कब तक यहाँ धर्म आग लगायेंगे
आख़िर कबतक यहाँ खून की होली होगी, वोटों की बोली होगी,
आख़िर कब तक ......
आओ आज सबको गले लगायें हम ,
इस देश को फिर से सोने की चिड़िया बनायें हम॥
आख़िर कब तक यहाँ इंडिया आगे बढ़ता रहेगा!
आओ भारत को आज आगे बढायें हम, भारतीयता की ज्योति जलायें हम,
इस देश को फिर से सोने की चिड़िया बनायें हम
आओ एक कदम और आगे बढायें हम ,
इस देश को फ़िर से सोने की चिडिया बनायें हम ,
इस देश को फ़िर से सोने की चिडिया बनायें हम॥